ये फटाफट तरीके बताएंगे नए ऑफिस में कैसे बनाएं दोस्त

Ye fatafat tarike bataenge naye office me kaise banaye dost
ये फटाफट तरीके बताएंगे नए ऑफिस में कैसे बनाएं दोस्त

नई नौकरी में उत्साह के साथ एक शंका यह भी रहती है कि कैसे हम नए ऑफिस में नए दोस्त बनाएंगे। नई नौकरी के साथ मन में डर और उत्साह भी रहता है। हालांकि आपकी असली परीक्षा उस समय शुरू होती है जब आप पदभार ग्रहण करते हैं क्योकि उस वक्त आपको नई नौकरी में अपने आपको नई कंपनी के अनुसार ढालना होता है।

इसलिए शुरू के 30 दिन बड़े महत्वपूर्ण होते हैं क्योकि आपको न सिर्फ नई कंपनी की काम की जरूरतों को समझना होता है बल्कि अपने नए सहयोगियों के साथ सामंजस्य भी बिठाना होता है। उन सहयोगियों में से कुछ को दोस्त भी बनाना होता है। तो चलिए जानते हैं नए ऑफिस में दोस्त बनाने के फटाफट तरीके -

1. नए ऑफिस में बॉस आपको वहां के काम का तरीका और ऑफिस का शिष्टाचार भी समझाता है। वो आपसे क्या उम्मीद रखते हैं ये बताया जाता है, पर आप केवल उन्हीं लोगो पर निर्भर न रहें और खुद की एक योजना बनाएं जिससे आप दिए गए काम और माहौल को जल्दी समझ सके। आप अपने सहयोगियों को अपना दोस्त बनाएं ताकि आप बॉस के दिए हुए काम को उनके तरीके से अंजाम तक पहुंचा सकें।

2. ऑफिस टाइम के बाद आप अपने सहयोगियों को चाय पीने का ऑफर करें, इससे वो आपके साथ जुड़ सकेंगें। दोपहर के भोजन में अपना टिफिन अपने सहयोगियों के साथ शेयर करें। खाली समय में उनसे अपने घर-परिवार की बातें करें ताकि वो आपसे घुल मिल सकें। आप अपने सहयोगियों के साथ हल्का-फुल्का मजाक भी करें ताकि वो आपसे किसी भी तरह मदद लेने में झिझक महसूस न करें।

3. मगर ये जरूर ध्यान रखें कि अपने बारे में सब कुछ एक ही बार में न बता दें। पहले जिसे आप दोस्त बना रहे हैं उसे परखे और उसके बारे में भी जानने का प्रयास करें। उसकी पसंद-नापसंद का ख्याल रखें। समय के साथ-साथ आपकी दोस्ती गहरी होती जाएगी और वो आप पर पूरा विश्वास करने लगेंगे।

4. जब आप नए माहौल में जाते हैं तो आपको कुछ ऐसी समस्याएं आ जाती है जो आपने नहीं सोची होती, तो उस वक्त पर आपके पुराने दोस्त और नई जगह पर बने नए दोस्त काम आते हैं। उनसे अपनी समस्याएं शेयर कीजिए और उनके सुझाव लीजिए।

5. ध्यान रहे नई दोस्ती में आपको संस्थान की राजनीती से बचना चाहिए और अपने लिए प्राप्त की गई सहायता के लिए धन्यवाद करना न भूलें। हमारी पहचान हमारे व्यवहार से ही बनती है अतः हमें चाहिए कि नकारात्मक बातों और संस्था में फैले नकारात्मक लोगों से दूरी बनाकर रखे। अपने आपको हमेशा सकारात्मक रखें।

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