ये कारण हैं जिम्मेदार महिलाओं में बाल झड़ने के - Ye Karan Hai Zimmedar Mahilaon Mein Baal Jhadne Ke

ये कारण हैं जिम्मेदार महिलाओं में बाल झड़ने के - Ye Karan Hai Zimmedar Mahilaon Mein Baal Jhadne Ke

आमतौर पर हर किसी को बालों के झड़ने और गिरने की शिकायत रहती है। किसी के बाल ज्यादा झड़ते हैं तो किसी के कम। महिलाओं में बालों के झड़ने और टूटने की शिकायत ज्यादा रहती है। प्राय: सुबह के स्नान के बाद जब बालों में कंघी करते हैं या फिर उसे सूखाने के लिए ब्लोअर चलाते हैं तो बाल ज्यादा टूटते हैं।

डर्मेटोलॉजिस्ट (Dermatologists) की मानें तो एक दिन में औसतन पचास से सौ बाल तक टूटते और झड़ते हैं। हालांकि, यदि इससे अधिक बाल टूट रहे हों तो फिर यह गंजेपन (Baldness) की शुरूआत हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपको डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेकर बालों के झड़ने को रोकने के उपाय करना चाहिए और बालों की उचित देखभाल करनी चाहिए।

आइए जानते हैं उन खास कारणों के बारे में जिसके वजह से महिलाओं को बाल झड़ने और गिरने की परेशानी होती है।

महिलाओं में बाल झड़ने के जिम्मेदार कारण - Hair Fall Reasons in Women

प्रसव या सर्जरी के बाद - After Deliver or Cesarean

टेलोजेन एफ्लूवियम(Telogen effluvium) एक ऐसी प्रक्रिया है जो हर महिलाओं में सामान्य ये सर्जरी के द्वारा प्रसव, अचानक वजन का कम होना या ज्यादा टेंशन लेने के बाद शुरु होती है। इस स्थिति में महिलाओं में बड़ी संख्या में रोजाना सिर के बाल झड़ने की समस्या देखने को मिलती हैं।

शैंपू करते समय, बालों में ब्रश करते समय या फिर बालों को कोई नया स्टाइल देते समय आप अपने झड़ते बालों को नोटिस करती हैं। कई मामलों में बालों का झड़ना दवाओं के दुष्प्रभाव से भी होता है। मसलन- डिप्रेशन की गोली, बीटा ब्लॉकर या दर्द की गोली से टेलोजेन एफ्लूवियम की प्रक्रिया जब शुरु होती है तो नए बालों के बनने की गति रुक जाती है और बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। प्रसव या ऑपरेशन के तीन महीने बाद बालों के झड़ने की गति तेज हो जाती है।

आनुवांशिक - Genetic

बालों की कमी, गंजापन या फिर बालों का झड़ना-गिरना अनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है। इसके प्रभावी जींस या परिवार में माता से या फिर पिता से उनके संतानों में आती है। यदि माता-पिता दोनों को ऐसी शिकायत है तो संभव है कि उनके संतानों में भी बाल झड़ने की समस्या होगी। हालांकि इसके लक्षण 20 साल की उम्र के बाद देखने को मिलते हैं।

थायराइड या हाइपोथाइरोडिज्म - Thyroid or Hypothyroidism

लाखों महिलाएं थायराइड की बीमारी से परेशान रहती हैं। जब हमारे शरीर से काफी कम मात्रा में थायराइड हार्मोन का स्राव होता है तो इसे हाइपोथाइरोडिज्म कहते हैं। थायराइड हार्मोन से ही शरीर का मेटाबोलिक रेट ठीक रहता है, बाल-नाखून बढ़ते हैं और शरीर को उर्जा मिलती है। थायराइड हार्मोन के स्राव कम होने से महिलाओं में बालों के झड़ने-गिरने की शिकायत होने लगती है।

चर्म रोग - Lupus

चर्म रोग(Lupus) एक दीर्घकालिक (Chronic) बिमारी है़, जिसमें शरीर की खुद की रोग प्रतिरोधी प्रणाली कोशिकाओं पर आक्रमण करने लगती है। महिलाएं जब गर्भवती रहती हैं तो यह बीमारी आक्रमण करती है। इसमें बालों के जड़ (scalp) पर रैशेज हो जाते हैं और केश झड़ने-टूटने लगते हैं।

एनीमिया - Anemia

पीरियड यानि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में खून की कमी यानि एनीमिया हो जाती है। एनीमिया होने पर रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने से कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। नतीजन बालों के जड़ (scalp) कमजोर हो जाते हैं और बाल झड़ने-गिरने लगते हैं।

बालों की ज्यादा स्टाइलिंग - Over Hair Styling

बालों में शैंपू के ज्यादा इस्तेमाल, बालों को ज्यादा डाई करना या फिर कलर करना बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। हेयर जेल लगाने से भी बाल ज्यादा झड़ते-टूटते हैं। आजकल बालों को डिफरेंट लुक देने के लिए केराटिन हेयर ट्रीटमेंट (Keratin Hair Treatment) का प्रचलन ज्यादा हो गया है। इससे बालों को कुछ दिनों के लिए स्टाइलिश तो बना सकते हैं। मगर लांग टर्म में यह बालों की सेहत के लिए नुकसानदेह है। इससे बाल काफी तेजी से झड़ने लगते हैं।

बालों को झड़ने को रोकने के कुछ कॉमन टिप्स - Home Remedies Hair Fall

बालों को झड़ने से रोकने के लिए सबसे पहले तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

बालों में बार-बार कंघी नहीं करें, इससे बाल लंबे होंगे या सुलझे होंगे यह तो बाद की बात है, मगर इससे बाल भी झड़ते हैं।

बालों को झड़ने से बचाने के लिए इन्हें धूप से बचाना चाहिए।

बहुत गर्म पानी से बाल ना धोएं, वरना आपके बाल अधिक खराब हो जाएंगे और जल्दी टूटने लगेंगे।

बालों को टूटने से बचाने के लिए खान-पान में प्रोटीन, आयरन, जिंक, सल्फर, विटामिन सी के अलावा विटामिन बी से युक्त खाद्य पदार्थ भरपूर मात्रा में लेना चाहिए।

बालों को टाइट बांधना, हॉट रोलर्स व ब्लो ड्रायर व आयरन के ज्यादा इस्तेमाल करने से भी बाल डैमेज हो जाते हैं। इसीलिए इनका बालों पर बहुत ज्यादा प्रयोग करने से बचें।

बालों को सही पोषण न मिलने से भी बाल झड़ने लगते हैं। समय-समय पर बालों में मेंहदी लगानी चाहिए या फिर बालों को पोषण देने के लिए दही भी लगा सकते हैं।

बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने के लिए आपको सप्ताह में कम से कम दो बार बालों की जड़ों में आंवला, बादाम, ऑलिव ऑयल, नारियल का तेल, सरसो का तेल लगा कर मालिश करना चाहिए।

बालों पर कलर करने से भी बाल खराब हो जाते हैं और जल्दी टूटने भी लगते हैं। इसीलिए बालों को कलर करने से पहले ध्यान रखें कि डाई में अमोनिया की मात्रा कम से कम हो यानी आप प्राकृतिक मेंहदी आदि को ही बाल कलर करने के लिए चुनें।

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