5 प्रसूती रोग जिनसे दो-चार होना पड़ता है लगभग हर महिला को - 5 Prasuti Rog Jinse Do Chaar Hona Padta Hai Lagbhag Har Mahila Ko

5 प्रसूती रोग जिनसे दो-चार होना पड़ता है लगभग हर महिला को  - 5 Prasuti Rog Jinse Do Chaar Hona Padta Hai Lagbhag Har Mahila Ko

जिस तरह महिलाओं का शरीर पुरुषों से भिन्न है उसी तरह महिलाओं के रोग भी पुरुषों से भिन्न हैं। कुछ समय पहले तक महिलाएं निजी समस्या होने पर किसी को बताने में झिझक महसूस करती थीं, लेकिन मौजूदा समय बदल चुका है। अब स्त्री रोगों पर ना केवल खुलकर चर्चा होती है बल्कि महिलाएं खुद भी इनके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहती हैं और इन मुद्दों पर बिना शरमाये बात करती हैं। आइये आपको बताते हैं महिलाओं में प्रसूति रोग से संबंधित कुछ ऐसी समस्याएं जिनकी जानकारी हर महिला को होना जरूरी है, जिससे महिलाएं समस्या को डर कर छिपाएं नहीं बल्कि इनका उपचार करके स्वस्थ रहें।

महिलाओं में आम प्रसूती रोग - Common Gynecological Problems in Women

1- अनियमित माहवारी - Irregular Menstrual Cycle

हर महीने मासिक चक्र के दौरान महिलाएं अनफर्टीलाइज एग्स रिलीज करती हैं। इन अंडों की सुरक्षा के लिए (संभव है की फर्टीलाइज हों) एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे गर्भाशय के ऊपर एक मोटी लाइन बन जाती है।

यदि समय पूरा होने तक कोई भी अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो यह लाइन माहवारी या पीरियड के रूप में बह जाती है। आमतौर पर 24 से 31 दिन में महिला को पीरियड होता है जो कि 4 तो 7 दिन तक रहता है।

हालांकि, कुछ महिलाओं में हर माह होने वाली यह स्वाभाविक प्रक्रिया मिस हो जाती है या इसका समय नियत नहीं होता। यह समस्या कि लंबी बीमारी (Chronic Medical Issue) के कारण हो सकती है या फिर मेडिकल या भावनात्मक परिस्थितियों (Medical or Emotional Circumstances) के कारण।

अनियमित माहवारी के लक्षण व कारण - Irregular Menstrual Cycle Symptoms and Causes

हार्मोन में असामान्य बदलाव - Hormonal Abnormalities

लंबे समय से चल रही कोई दवा Long term medication

पेल्विक ओर्गन्स में समस्या - Problems in Pelvic Organs

एकदम ज्यादा या कम वजन - Over-weight or Under-weight

खान-पान की अनियमितता - Eating Disorder

ज्यादा व्यायाम करना - Excessive Exercise

2- पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम - Polycystic Ovary Syndrome

यह एक ऐसी अवस्था है जो कि कुछ हार्मोन्स के एब्नार्मल लेवल में पहुँचने से होती है। कुछ महिलाओं में पहले मासिक चक्र से ही हरमोन्स में बदलाव संभव है जबकि कुछ में समय-समय पर बदलाव होते हैं।

पोलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षण व कारण (Polycystic Ovary Syndrome Symptoms and Causes)

इस समस्या के लक्षण हर महिला में अलग अलग होते हैं लेकिन इनमे जो शामिल हैं वह निम्न हैं-

शरीर और चेहरे पर अधिक बाल होना

मुहांसे होना

मोटापा

गर्भ धारण करने में दिक्कत आना

वेजाइना यीस्ट इंफेक्शन

बालों का झड़ना

3- अंडा ना बनना या अनोवूलेशन - Anovulation

ओवरी से अंडा निकलना सामान्य है लेकिन समस्या तब आती है जब ओवुएटिंग ही ना हो। यदि कारण पता लग जाए तो इसका इलाज आसान है।

अनोवूलेशन के लक्षण व कारण - Anovulation Symptoms and Causes

अनियमित माहवारी

एब्नार्मल ब्लीडिंग

ज्यादा तनाव

जरुरत से ज्यादा व्यायाम

ज्यादा वजन

अत्यधिक भोजन करना

थाइरॉइड हार्मोन लेवल कम होना

4- अधिक रक्तस्त्राव - Excessive Bleeding in Woman

हर पांचवी महिला पीरियड यानी माहवारी के दौरान अधिक रक्त स्त्राव होने से परेशान है। निम्न लक्षणों से पहचान सकते हैं।

अधिक रक्तस्त्राव के लक्षण व कारण - Excessive Bleeding Symptoms and Causes

यदि 7 दिन से अधिक ब्लीडिंग रहे

ब्लीडिंग से आपके रोजमर्रा के कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा हो

डबल प्रोटेक्शन(टेम्पू और पैड) लेना पड़ रहा हो

हर दो घंटे पर पैड चेंज करना पड़ रहा हो

हार्मोनल इमबैलेंस

यूटेरस में फाइब्रॉइड और पोलीप्स

इन्फेक्शन

ब्लीडिंग डिसऑर्डर

5-माहवारी न होना या रुक जाना - Period Not Coming or Stopped Period

कुछ महिलाओं को टीनएज तक भी माहवारी होनी शुरू ही नहीं होती या कुछ की अचानक रुक जाती है। यह भी एक समस्या है।

माहवारी न होने के लक्षण व कारण - Excessive Bleeding Symptoms and Causes

वजन में अचानक बदलाव

तनाव

अत्यधिक व्यायाम, जैसे कि किसी लंबी दूरी तक रोज भागना

हार्मोनल प्रॉब्लम

किसी दवा का इस्तेमाल

बीमारी

यदि आपने लगातार तीन पीरियड मिस की हैं और आप प्रेग्नेंट नहीं हैं तो अपने चिकित्सक से मिलें। इसके अलावा 16 साल की उम्र तक यदि पीरियड शुरू नहीं हुआ है तब भी आपको चिकित्सक के पास जाना चाहिए।

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