माइग्रेन केवल एक सामान्य प्रकार का सिरदर्द नहीं है। यह अधिक तीव्र और बार-बार होने वाला दर्द है, विशेष रूप से केवल सिर के एक तरफ महसूस किया जाता है। यदि आप माइग्रेन से पीड़ित हैं या अपने ऐसी किसी क़रीबो को जानते हैं जिससे वो भी इस स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित है तो आपको पता होगा कि माइग्रेन के लक्षणों को ठीक करना कितना मुश्किल है।
तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, तनाव और शराब के सेवन जैसी कई चीजों से माइग्रेन हो सकता है और तीन घंटे से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। अधिकांश लोग कुछ राहत के लिए ओवर-द-काउंटर (मेडिकल स्टोर) दवाओं की ओर रुख करते हैं, लेकिन कुछ प्राकृतिक तरीके हैं जो आपको तीव्र हुए माइग्रेन के दर्द से राहत प्रदान कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक रेमेडी -
घी बहुत लंबे समय से भारतीय व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। किसी भी खाने में घी शामिल करने से न केवल खाने का स्वाद बढ़ता है बल्कि आपको स्वस्थ रहने में भी मदद मिलती है। घी या स्पष्ट मक्खन वसा में कम होता है और पचाने में आसान होता है। यह वजन कम करने और संतुलन बहाल करने और मस्तिष्क के कार्यों को बढ़ाने में भी फायदेमंद है।
हालांकि, शक्तिशाली घी के लाभ केवल इस तक ही सीमित नहीं हैं। घी का उपयोग काले घेरे, फटे होंठ, सूखी त्वचा और सूखे बालों का इलाज करने के लिए भी किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह माइग्रेन के इलाज के लिए भी एक प्रभावी उपाय है।
माइग्रेन के दर्द के लिए इस तरह करें घी का इस्तेमाल
घी को पिघलाएं और प्रत्येक नथुने में गुनगुना घी की 2-3 बूंदें डालें। माइग्रेन या सिरदर्द से राहत प्रदान करने के लिए आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं।
अन्य तरीके जो माइग्रेन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं
एक दिन में खूब पानी पिएं। निर्जलीकरण सिरदर्द का प्रमुख कारण है।
रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें। नींद न आना भी माइग्रेन की समस्या को ट्रिगर कर सकता है।
कम से कम 30 से 40 घंटे तक रोजाना व्यायाम करें।
लगातार खाने का शेड्यूल रखें। भोजन के समय उतार-चढ़ाव भी आपके दर्द को ट्रिगर कर सकता है।